Amalaki Ekadashi 2023: आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

Amalaki Ekadashi: एकादशी हिंदू धर्म के अनुसार हर माह में दो एकादशी होती हैं। आमलकी एकादशी फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष में अति है। हिंदू धर्म के अनुसार सभी एकादशी का काफी महत्व होता है। लेकिन इन सब में आमलकी एकादशी को सर्वोत्तम स्थान पर रखा गया है। आमलकी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु भगवान और आंवले के पेड़ का बहोत बड़ा महत्व बताया गया है।

इसी दिन आंवले की पूजा की जाती है। मान्यता है कि आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु का अत्यंत प्रिय है। आमलकी एकादशी को आंवला एकादशी या आमली ग्यारस भी कहते हैं। पंचांग के अनुसार इस बार आमलकी एकादशी का व्रत आज यानी 03 मार्च शुक्रवार के दिन रखा जाएगा।

Amalaki Ekadashi

आमलकी एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में होली के त्योहार के पहले आती है। इस साल 03 मार्च शुक्रवार 2023 को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाएगा

एकादशी शुभ मुहूर्त तिथि 02 मार्च को सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 03 मार्च को 09:11 मिनट तक रहेगी।

  • एकादशी शुरू: 02 मार्च 2023 पूर्वाह्न 06:39 बजकर शुरू होगी
  • एकादशी समाप्त: 03 मार्च 2023 पूर्वाह्न 09:11 बजकर रहेगी

आमलकी एकादशी और आंवले का महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार आंवले के पेड़ को भगवान विष्णु ने ही जन्म दिया था। मान्यता है कि इस पेड़ के हर एक भाग में विष्णु का वास है। कहा जाता है कि आमलकी एकादशी के दिन आवंले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु का पूजन करने से भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं।

साथ ही ये भी कहा जाता है कि आवंले के वृक्ष में श्री हरि और माता लक्ष्मी का वास होता होता है। इशलिये आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और भगवान विष्णु का जाप करना चाहिए

Amalaki Ekadashi -मंत्र

ॐ नारायणाय नम:।
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ विष्णवे नम:।
ॐ हूं विष्णवे नम:।
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।

आमलकी एकादशी व्रत का महात्म्य

आमलकी एकादशी व्रत की मान्यता है की आमलकी एकादशी के दिन आंवले का उबटन लगाना चाहिए और आवंले के जल से ही स्नान करना चाहिए। साथ ही इस दिन आवंले का पूजन करना चाहिए, और रात्रि में जागरण और मंत्रो का जाप करना चाहिए, आमलकी एकादशी के दिन दान करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर नारायण की पूजा करने से एक हजार गौ दान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है।

Leave a Comment

"
"