Durga Navratri Aarti: अम्बे गौरी आरती 30 जून 2022 से देवी आराधना का पावन पर्व ‘गुप्त नवरात्रि’ शुरू होता है। यह पर्व आषाढ़ मास के महीने में आता है। मान्यता के अनुसार इस नवरात्रि में 9 दिनों तक 10 महाविद्याओं का पूजन होता है। प्रतिदिन सुबह-सायंकाल देवी दुर्गा माँ की विशेष पूजा-अर्चना होती है और श्रद्धापूर्वक माँ अम्बे की आरती होती है आरती करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है।
और भक्तो को लम्बी आयु प्राप्त होती है और सुख समृद्धि भी बढ़ती है। घर में सुख शांति बानी रहती है। इशलिये सभी भक्तो को अम्बे गौरी आरती करनी चाहिए।
Durga Aarti, जय अम्बे गौरी आरती
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥