Raat ki Rani – इसे रात की रानी इसलिए कहा गया क्योंकि इसके फूल रात में खिलते हैं और दिन में बंद रहते हैं। रात की रानी के फूल की महक काफी दूर तक फैलती हैं और माहौल को खुशनुमा बनाती है। आगे हम रात की रानी और सांप के भ्रम, रात की रानी के फायदे और प्रयोग, रात की रानी लगाने का तरीका व केयर टिप्स की जानकारी बतायेंगे।
रात की रानी | about Raat ki Rani
गजब की लाजवाब खुशुबू वाले फूल रात की रानी को English में Night blooming jasmine कहते हैं। रात की रानी का बोटैनिकल नाम Cestrum Nocturnum है। मूलतः वेस्ट इंडीज का यह पौधा हर तरह के मौसम और देश में लगाया जा सकता है। रातरानी चमेली कुल का पौधा है।
इसके पौधे ऊंचाई में 10-12 फीट तक जा सकते हैं और 6 फीट तक फैलाव हो सकता है। वैसे सामान्यतः यह 5-6 फीट ऊँचे ही देखे जाते हैं। आप छंटाई करके इसके आकार को कण्ट्रोल कर सकते हैं. छंटाई फूल निकलने के सीजन के बाद ही करें।
रात की रानी का फूल (Raat ki rani flower) 5 पंखुड़ी वाले स्टार जैसे दिखते हैं व पत्तियाँ छोटी, चिकनी होती हैं। ये पौधे साल में करीब 4 बार फूल देते हैं और उसके बाद इस पर छोटे-छोटे सफ़ेद बेरी जैसे फल निकलते हैं जोकि बीजों से भरे होते हैं।
ये फल इन्सान या जानवरों के खाने के लिए नहीं हैं. अगर आपको इन फल से नए पौधे नहीं तैयार करने हैं तो इन्हें तोड़कर कचरे में फेंक दें. इनका सेवन नुकसानदायक हो सकता है.
ये पौधे स्व-परागण (self-pollinating) करते हैं, इसके लिए इन्हें किसी अन्य पौधे की जरूरत नहीं होती. इसके पौधे रात में खिलते हैं इसलिए छोटे पतंगे इसका परागण करते हैं.
क्या रातरानी से सांप आते हैं | Ratrani tree attract snakes
लोगों में यह एक प्रचलित भ्रम है कि रात की रानी लगाने से सांप आते हैं. इस बात में कोई भी सच्चाई नहीं है. मैंने कितने ही लोगों के घरों में रातरानी लगा हुआ देखा है, जिन्हें कभी भी ऐसी कोई समस्या नहीं हुई.
ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं मिला है कि रातरानी फ्लावर सांप को आकर्षित करती है. किसी भी पेड़ के पास अक्सर सूखी-पत्तियाँ, घास आदि जमा हो जाना स्वाभाविक है. ऐसे खर-पतवार में कहीं से आकर सांप छिप सकता है. इसलिए केवल रात की रानी को सांप से जोड़ना एकदम गलत और अतार्किक (Illogical) है.
रात की रानी केवल छोटे पतंगों, मधुमक्खी और चिड़ियों को अपनी ओर आकर्षित करती है जोकि ज्यादातर फूल वाले पौधों के लिए सामान्य बात है. इसलिए बेफिक्र होकर रात की रानी लगायें और खुशबू आनन्द लें.
रात की रानी के फायदे | Raat ki rani
1) रात की रानी का तेल या इत्र (Essential oil) स्किन समस्याओं जैसे मुहांसे, चोट के निशान, दाग-धब्बे, पिम्पल में लगाने पर फायदा करता है. कॉस्मेटिक इंडस्ट्री के कई प्रोडक्ट्स, शैम्पू, लोशन आदि बनाने में इसका प्रयोग किया जाता है.
2) अरोमाथेरेपी के अनुसार रातरानी का इत्र (Raat ki rani attar) प्रयोग करने से डर, दुःख और निराशा के भाव दूर होते हैं. रातरानी का अत्तर, परफ्यूम आत्मविश्वास, आशा और उत्साह के भाव को जगाते हैं.
3) इसके एसेंशियल आयल या तेल की खुशबु माहौल में प्रेम और रोमांस का मूड बनाते हैं. रात की रानी की खुशबू शरीर की ऊर्जा को जाग्रत करने, संरक्षित करने और बैलेंस करने का काम करती है.
4) रातरानी (Raatrani) की पत्तियों में मच्छर भगाने का गुण होता है. इसके फूल और पत्तियों को पीसकर आंगन में छिड़काव करने से शाम को मच्छर नहीं आते.
5) रातरानी की पत्ती को पीसकर सूजन वाली जगह पर पुल्टिस बांधने से सूजन कम होती है.
6) मुंह में छाले होने पर रात की रानी की एक पत्ती का टुकड़ा मुंह में डाल कर कूंचे. रस को छाले वाली जगह पर फिराएं फिर सब थूक दें. 1 दिन में 2-3 बार ऐसा करें, छाले ठीक होंगे.
7) आयुर्वेद में रात की रानी का प्रयोग चोट, त्वचा समस्या, सरदर्द, मसूढ़े की सूजनJ, नपुंसकता, नेत्र रोग के इलाज में होता है. इससे डिप्रेशन, तनाव, तंत्रिका-तन्त्र, प्रसूति सम्बन्धी समस्याओं का समाधान किया जाता है.
रात की रानी का पौधा कैसे लगायें | How to plant Raat ki rani
इस पौधे को लगाना और देखभाल करना आसान है. वैसे तो रातरानी का पौधा किसी भी मिट्टी में लग जाता है, पर इसे सामान्य मिट्टी या कुछ नम, बलुई मिट्टी पसंद है.
रात की रानी की कलम लगाना, बीज लगाने से ज्यादा आसान तरीका है. आप इसकी 6-7 इंच की कलम को लेकर मिट्टी और खाद से भरे किसी गमले में लगा दे. इसे नियमित पानी देते रहें और किसी कम धूप वाली जगह पर रखें.
इसकी कलम लेकर पानी से भरे किसी जग, बोतल में डाल कर रख देंगे तो भी जड़ निकलने लगेंगी. ध्यान रखें कि जो कलम आप लें उसमें 1 या 2 पत्ती हों लेकिन फूल या कली न हों.
पानी इतना दें कि मिट्टी सूखने न पाये और कुछ नमी बनी रहे. 1-2 हफ्ते में नयी पत्तियाँ आने लगेंगी जोकि इस बात का लक्षण होता है कि कलम लगाना सफल हुआ.
अगर आप 1 से अधिक रात की रानी के पौधे लगा रहे हैं तो इनमें 3 फीट का अंतर रखें.
रात की रानी प्लांट केयर | Raat ki Rani plant care tips
रातरानी (Night jasmine) ऐसी जगह लगायें, जहाँ दिन के कुछ घंटे धूप आती हो. एकदम तेज धूप की जरुरत नहीं है. गर्मियों में इसे नियमित पानी दें और ठंड के मौसम में 2-3 दिन के अन्तराल पर पानी दें.
अगर इसे गमले में लगाया है तो ध्यान रखें कि पानी इसमें रुका न रहे. मिट्टी में नमी तो रहे लेकिन एक्स्ट्रा पानी नीचे से बाहर निकल जाये. ज्यादा पानी देने या पानी रुकने से पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं और जड़ ख़राब होती है.
अगर रात की रानी गमले में लगाया गया है तो साल भर में इसकी मिट्टी+खाद बदल दें या बीच-बीच में कोई खाद डाल दिया करें।
रात की रानी के पौधे की अच्छी बढ़त के लिए 2 हफ्ते में एक बार इसे समुद्री घास की खाद (Seaweed) या मछली की खाद (fish emulsion fertilizer) का पतला घोल डाला करें। ये न मिले तो कोई भी जैविक खाद डाल सकते हैं। फूल न आ रहें तो महीने में एक बार थोड़ा सा Low nitrogen NPK fertilizer डालें।
अगर रात की रानी के फूलों में खुशबू नहीं आती तो इसका कारण ये हो सकता है कि आपने रातरानी की कोई जंगली प्रजाति लगाई है। चमेली (Jasmine) की 200 से अधिक किस्मों में से एक रात की रानी का पौधा है।
बहुत ठंडी या बर्फबारी से इसके पेड़ नष्ट हो जाते हैं लेकिन सीजन आने पर फिर से तैयार हो जाते हैं और पत्तियां आ जाती हैं। इसके फूल भी गर्म मौसम में आते हैं।