गाय और भैंस के दूध में अंतर क्या है आप नहीं जानते होंगे?

छोटे बच्चे से लेकर बड़े सभी को दूध चाहिए खास कर चाय बनाने के लिए या फिर मिठाई ही क्यों न बाबानी हो सभी में दूध की जरुरत पड़ती है और दूध का उपयोग भी आज इतना बढ़ गया है की हमारे देश में दूध सभी जगा पे नहीं पहोंच पता है। दूध से कई तरा की मिठाई चॉकलेट और बहोत से प्रोडक्ट बनाये जाते है। दोस्तों आज हम जानेंगे की गाय और भैंस के दूध में क्या अंतर है।

ज्यादातर हम सब गाय के दूध से भी ज्यादा भैंसों Buffalo का दूध पसंद करते है पर क्या आपको ये पता है की गाय और भैंस के दूध में क्या अंतर है? अगर आप नहीं जानते तो चलिए आज हम इस पोस्ट में आपको बताएँगे की गाय और भैंस के दूध में क्या अंतर होते है।

Cow and Buffalo

The Difference Between Cow and Buffalo Milk?

गाय और भैंस का दूध (Cow and Buffalo Milk)

🐃 भैंसों को कीचड़ पसंद है।

🐄 गाय Cow अपने गोबर में भी नहीं बैठती। गाय को पवित्रता पसंद है।

🐃 अगर आप भैंस को 2 किमी दूर ले जाकर छोड़ दें। वह घर नहीं लौटेगा। पावर मेमोरी शून्य 0 है।

🐄 भले ही हम गाय को 5 किमी चलाते हैं। दूर, वह घर लौट आएगा। और गाय के दूध में स्मरण शक्ति होती है।

🐃 यदि दस भैंसों Buffalo को बांध दिया जाए और उनके शावकों को छोड़ दिया जाए, तो एक भी बछड़ा अपनी मां को नहीं पहचान पाएगा।

🐄 एक गाय का बछड़ा भी सौ गायों में से एक मां को पहचान सकता है।

🐃 दूध दुहते समय भैंस अपना सारा दूध देती है।

🐄 गाय अपने बछड़े के लिए कुछ दूध छुपाती है। जब बछड़ा पी रहा होता है तभी वह भंडारित दूध छोड़ता है। गाय के दूध में होती है कोमलता

🐃 भैंस धूप या गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकती।

🐄 गायें मई-जून की धूप को भी सह सकती हैं।

🐃 भैंस बहुत बड़ी और आलसी होती है और जल्दी नहीं चिल्लाती। इसका दूध गाढ़ा और पचने में मुश्किल होता है। दूध का सेवन करने से आलस और अपच की समस्या होती है। दूध दुहने के समय मालिक द्वारा बछड़े को पाला जाता है।

🐄 जब एक बछड़ा मां से अलग हो जाता है तो उसे संभालना बहुत मुश्किल होता है। बछड़े को दूध पिलाने के बाद भी दूध पीते समय हम उसे नियंत्रित नहीं कर सकते। वह देखभाल और कोमलता उसके दूध में साझा की जाती है।

🐄 गाय की पीठ पर “सूर्य केतु तंत्रिका” धूप होने पर जाग जाती है। ये तंत्रिकाएं सूर्य, सितारों, चंद्रमा और ब्रह्मांड से “ब्रह्मांडीय ऊर्जा” प्राप्त करती हैं। इसलिए गाय के दूध में रोगों को दूर करने की शक्ति होती है। ब्रह्मांड में किसी भी जीवित वस्तु में ऐसी शक्ति नहीं है।

🐄 दरअसल, गाय का दूध पीने से आपका शरीर गर्म नहीं होता है।

🐃 भैंस का दूध गाढ़ा होता है, सेवन करने पर यह शरीर को गर्म करता है, और यह हमारे शरीर में शुगर भी बढ़ाता है (जेरी के दूध में अधिक होता है) जो मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि शुगर का स्तर बढ़ जाता है।
लेकिन जब गाय का दूध पिया जाता है तो इसका उल्टा होता है।

🐃 हम हर चीज में वसा की मात्रा चाहते हैं। हम एक विज्ञापन की सलाह मानते हैं कि शुद्ध तेल से कोलेस्ट्रोल नहीं होता, हम उस तेल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन तथ्य यह है कि भैंस के दूध में वसा की मात्रा अधिक देकर हम इसे घर पर प्राप्त करते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल (वसा की मात्रा) का कारण भी है।
भैंस के दूध में तीसरा और चौथा पोषक तत्व चूल्हे पर रखकर थोड़ा गर्म करने पर वाष्पित हो जाता है।

🐄 गाय के दूध को कितनी भी बार उबाला जाए, उसका पोषण मूल्य नष्ट नहीं होता है।

गाय और भैंस के दूध में क्या अंतर है ये आपको अच्छी तरा से समज आ गया होगा। दोस्तों ये पोस्ट कृपया अपने प्रियजनों के साथ साझा करें।

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