जय मां नर्मदा की आरती, Narmada Maa Ki Aarti

मां नर्मदा की आरती सभी पापों को हरने वाली देवी है। मां नर्मदा जल के पत्थर शिव-तुल्य पूजे जाते है। और शिवजी ने नर्मदाजी को अजर-अमर होने का वरदान भी दिया है, और जब तक चाँद तारे है तब तक मां नर्मदा इस धरती पर रहेगी। और अपने जल से सबको शीतल और पवित्र करेगी।

मां नर्मदा की आरती करने से मां नर्मदा अपने भक्तो को आशीर्वाद देती है और अपने भक्तो का जीवन सुखमय बनता है।

Narmada Maa Ki Aarti

Narmada Maa Ki Aarti

ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी।

ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरिशंकर

रुद्रौ पालन्ती।

ॐ जय जगदानन्दी (1)

देवी नारद सारद तुम वरदायक, अभिनव पदण्डी।

सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि…

शारद पदवाचन्ती।

ॐ जय जगदानन्दी (2)

देवी धूमक वाहन राजत, वीणा वाद्यन्ती।

झुमकत-झुमकत-झुमकत,

झननन झमकत रमती राजन्ती।

ॐ जय जगदानन्दी (3)

देवी बाजत ताल मृदंगा,

सुर मण्डल रमती।

तोड़ीतान-तोड़ीतान-तोड़ीतान,

तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती।

ॐ जय जगदानन्दी (4)

देवी सकल भुवन पर आप विराजत,

निशदिन आनन्दी।

गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा

शंकर तुम भट मेटन्ती।

ॐ जय जगदानन्दी (5)

मैयाजी को कंचन थार विराजत,

अगर कपूर बाती।

अमर कंठ में विराजत

घाटन घाट बिराजत

कोटि रतन ज्योति।

ॐ जय जगदानन्दी (6)

मैयाजी की आरती

निशदिन पढ़ गा‍वरि,

हो रेवा जुग-जुग नरगावे

भजत शिवानन्द स्वामी

जपत हरिनंद स्वामी मनवांछित पावे।

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